(Pictures above: Swami Avimukteshwaranand Saraswati, Jagadguru Shankaracharya of Dakshinamnaya Sringeripeeth, Swami Sri Sadananda Saraswati with Paramahansa Sadhvi Tridevi MAA)
Confirmation of the consecration in front of Brahmalin Shankaracharya on 12th September
Jagadguru Shankaracharya of Dakshinamnaya Sringeripeeth Shri Bharati Teertha Mahaswami ji was anointed before the five physical body of Brahmalin Shankaracharya ji on 12 September 2022. Abhisheka in the temple amidst Vedic chants.
Before performing the abhishek, he placed his hand on the heads of both the Jagadgurus and announced in Sanskrit that * I will consecrate Swami Avimukteshwaranand Saraswati, the successor disciple of Brahmalin Dwipeethadhishwaratwar Jagadguru Shankaracharya Ji Maharaj, at Jyotishpeeth and Swami Sri Sadananda Saraswati at Paschimamnaya Dwarkapeeth. I am.*
It is to be known that in the year 2007 itself, in the Chatushpeeth conference organized by Vedanta Bharati Sanstha in Bangalore, Brahmalin Jagadguru Shankaracharya Ji Maharaj presented both of them as his successors before Sringeripeethadhiswarji Maharaj. At the same time, Brahmalin Shankaracharya Ji Maharaj had also told that after I become Brahmalin, you will get all the necessary religious works done after you are anointed for these two.
Remembering and honoring the same word, as soon as he got the news of Dwipeethadhishwar Jagadguru Maharaj being Brahmalin, he immediately sent his Peeth administrator Shri VR Gaurishankar ji and remembering his request, Abhishek-tilak etc. to private secretary Brahmachari Subuddhanand ji. He was duly completed on 12 September 2022 in front of his five physical body.
Today, after consecrating two new Shankaracharyas on both the peeths with his lotus feet, Shringeripeethadhishwar Shri Bharati Teertha Mahaswami ji also announced that after 20 days in the auspicious time his successor Swami Shri Vidhushekhar Bharti Ji Maharaj would go to Dwarkapeeth and Jyotirmath Badrikashram Himalayas. Jagadguru will perform all the religious acts that are done after ascending to the post, according to the law.
Shringeri Maharajshri also announced that he and both the new Shankaracharyas i.e. the three Amnaya Maths would unite and work for Sanatan Dharma.
Shringeri Maharajshri also presented a warm silver kamandalu to both the newly appointed Shankaracharyas and both of them expressed their heartfelt words of respect and feelings towards them and reiterated their commitment towards the unity of the three mathas.
On this great occasion, Brahmachari Dhyananand ji, Jyotirmyanand Brahmachari ji, Brahmachari Uddhav Swaroop ji, Brahmachari Achalanand ji, Jyotishpeeth Pandit Acharya Ravi Shankar Dwivedi Shastri ji, Acharya P. Rajendra Dwivedi ji, Acharya Pt. Parmeshwar Dutt Shukla ji of Bharat Dharma Mahamandal and Kashi Vidvat Parishad. Acharya Pt Kamalakant Tripathi ji, Pt Prakash Upadhyay ji from Chhattisgarh, Captain Arvind ji, Anand Upadhyay ji, Pt Shailesh ji, Krishna Parashar ji etc.
It is to be known that in future also many Abhishek of both the new Shankaracharyas will be organized at many places which will be in confirmation of the Abhishek that took place on 12th September.
दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरीपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री भारती तीर्थ महास्वामी जी ने 12 सितम्बर 2022 ई. को ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी के पांचभौतिक शरीर के समक्ष अभिषिक्त हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती महाराज का श्रृंगेरीपीठ की अधिष्ठात्री देवी शारदाम्बा के मन्दिर में वैदिक मन्त्रोच्चार के बीच अभिषेक किया।
अभिषेक करने से पूर्व उन्होंने दोनों जगद्गुरुओं के सिर पर अपना हाथ रखा और संस्कृत में उद्घोषणा की कि *मैं ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वरत्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के करकमलसंजात दण्डी संन्यासी उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का ज्योतिष्पीठ पर और स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती का पश्चिमाम्नाय द्वारकापीठ पर अभिषेक कर रहा हूॅ।*
ज्ञात हो कि वर्ष 2007 ई. में ही बेंगलूरु में वेदान्त भारती संस्था द्वारा आयोजित चतुष्पीठ सम्मेलन में ही ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने इन दोनों को अपने उत्तराधिकारी के रूप में श्रृंगेरीपीठाधीश्वर जी महाराज के सभक्ष प्रस्तुत कर दिया था। उसी समय ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी महाराज ने यह भी बता दिया था कि मेरे ब्रह्मलीन हो जाने के पश्चात् आप इन दोनों के लिए अभिषिक्त हो जाने के बाद कै सभी आवश्यक धार्मिक कृत्य सम्पन्न कराएंगे।
उसी वचन का स्मरण एवं मान रखते हुए जैसे ही उनको द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु महाराज के ब्रह्मलीन होने का समाचार प्राप्त हुआ उन्होने अपने पीठ प्रशासक श्री वी आर गौरीशंकर जी को तत्काल भेजा और उनके अनुरोध का स्मरण करते हुए निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानन्द जी से अभिषेक-तिलक आदि उनका पांचभौतिक देह के समक्ष ही 12 सितम्बर 2022 को विधिवत् सम्पन्न कराया था।
आज अपने कर-कमलों से दोनो पीठों पर दो नये शंकराचार्यों का अभिषेक करने के पश्चात् शृंगेरीपीठाधीश्वर श्री भारती तीर्थ महास्वामी जी ने यह भी घोषणा किया कि 20 दिन पश्चात् शुभ मुहूर्त में उनके उत्तराधिकारी स्वामी श्री विधुशेखर भारती जी महाराज द्वारकापीठ तथा ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय में जाकर जगद्गुरु पद पर आरूढ़ होने के पश्चात् के जो धार्मिक कृत्य किए जाते हैं उन सभी का विधि-विधान से सम्पादन करेंगे।
शृङगेरी महाराजश्री ने यह भी उद्घोषित किया कि वे एवं दोनो नये शंकराचार्य अर्थात् तीनों आम्नाय मठ एकजुट होकर सनातन धर्म का कार्य करेंगे।
शृंगेरी महाराजश्री ने दोनों नवनियुक्त शंकराचार्यों को सस्नेह रजत कमण्डलु भी भेंट किया और दोनों ने उनके प्रति गुरुवत् सम्मान एवं भावों से सिक्त अपने हृदय के उद्गारों को व्यक्त किया तथा तीनों मठों के एकजुट रहने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दुहराया।
इस महनीय अवसर पर ब्रह्मचारी ध्यानानन्द जी, ज्योतिर्मयानन्द ब्रह्मचारी जी, ब्रह्मचारी उद्धवस्वरूप जी, ब्रह्मचारी अचलानन्द जी, ज्योतिष्पीठ पण्डित आचार्य रविशंकर द्विवेदी शास्त्री जी, आचार्य पं राजेन्द्र द्विवेदी जी, भारत धर्म महामण्डल के आचार्य पं श्री परमेश्वर दत्त शुक्ल जी एवं काशी विद्वत् परिषद् के आचार्य पं कमलाकान्त त्रिपाठी जी, छत्तीसगढ से पं प्रकाश उपाध्याय जी, कैप्टन अरविन्द जी, आनन्द उपाध्याय जी, पं शैलेष जी, कृष्ण पाराशर जी आदि जन सम्मिलित रहे।
ज्ञातव्य है कि आगे भी अनेक स्थानों पर दोनो नये शंकराचार्यों के अनेक अभिषेक आयोजित किए जाएगे जो 12 सितम्बर को हुए अभिषेक की पुष्टि में होंगे।